पुखराज से बढ़ता है यश
पुखराज व्यापार करने वालों के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। यही वजह है कि इसे व्यापारी स्टोन भी कह दिया जाता है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति के रुके हुए कार्यों के दोबारा शुरू होने की संभावना बढ़ जाती है। पुखराज एक मूल्यवान खनिज रत्न है।
इसके उपरत्न है पीला हकीक, सुनहला, पीला गोमेद, बैरुज अदि। इसे गुरु रत्न भी कहा जाता है और इसका स्वामी बृहस्पति है। पुखराज हीरा और माणिक्य के बाद सबसे कठोर रत्न है। इसके रासायनिक विश्लेषण में इसमें एल्यूमिनियम हाइड्रोविसम और क्लोरिन जैसे तत्व पाए जाते हैं।
वैसे तो यह कई रंगों का होता है लेकिन भारत में ज्यादातर पीला और सफेद ही प्रयोग में लाया जाता है। पुखराज गुरु ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है। इसे पहनने से गुरु ग्रह से संबंधित समस्त दोष दूर हो जाते हैं। धनु राशि वालों को पुखराज पहनने से लाभ होता है।
इसे पहनने से बल,आयु, स्वास्थ्य, यश, कीर्ति व मानसिक शांति प्राप्त होती है और व्यापार फलता फूलता है। पुखराज को बृहस्पति का प्रतीक माना जाता है।
बृहस्पति जी को देवगुरु का वरदान प्राप्त है इसलिए इन्हें गुरु भी कहा जाता है। इसलिए इसे पढ़ाई-लिखाई के क्षेत्र में उन्नति के लिए पहनाया जाता है। कन्या के विवाह में देरी होने पर भी इसका प्रयोग काफी फायदेमंद रहता है। जो लोग पुखराज नहीं खरीद सकें, वह सुनहला भी धारण कर सकते हैं।